कृषक /Farmers’ Bill 2020 – भारत के कृषकों को कैसे होगा लाभ, पीएम Modi ji ने बताया

कृषि विधेयकों के लेकर राजनीती तेज है | विपक्षी दलों ने  जोरदार ढंग से नए प्रावधानों की मुखालफत की है|  हरियाणा,  पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान  कृषि  बिलो के लेकर खासे आक्रामक हैं|

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी का कहना है कि  इन कृषि अध्यादेशों से कृषि के क्षेत्र  में बहुत बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है इस बिल को ऐतहासिक बता रहे है  कुछ किसान और विपक्ष  इन बिलो के विरोध में है|  इन बिलों के विरोध क्यों होरहा है इसके बारे में समझते है|

25  सितंबर  2020 को पंजाब राज्य में किसानो ने भारी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है| संसद में भी इसी बिल को लेकर विपक्षी  दलों  द्वारा  लगातार सरकार को घेरा जा रहा है, और पूरा हंगामा किया जा रहा है|  कोई भी राजनितिक दल खुद को किसानो के हितेषी साबित करने से चूकता नहीं है| क्योकि यह मुद्दा किसानो से जुड़ा हुआ है|  सरकार ने क्या नए बदलाव किया है इसको लेकर किसानो के मन में इसके प्रति शंकाये हैं|  किसान बिल के प्रति इन्हीं  शंकाओ को दूर करने के लिए  मोदी सरकार ने  समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर  इसके प्रति स्थिति को साफ़ करने की कोशिश की है| कुछ बड़े बिन्दूओ के किसानो के सामने रखकर  झूठ और सच  का मायने बताया है|

न्यूनतम समर्थन मूल्य के – सच  /झूठ

झूठ – किसान बिल वास्तव में किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं  देने की शाजिस है |

सचकृषक  बिल के  न्यूनतम  समर्थन मूल्य से कोई लेना देना नहीं है |  एमएसपी अब भी दिया जा रहा है और आगे भी दिया जाता रहेगा|

किसान मंडियों का क्या  होगा?

झूठ –  कहते हैं  अब मंडियां समाप्त हो जावेंगी |

सच –   मंडियां जैसी है वैसे ही रहेंगी

कुछ लोग समझते है कि  यह बिल किसान विरोधी है?

झूठ – किसानो के खिलाफ है  कृषक बिल|

सच इस बिल से  किसानो को आजादी मिलती है|  अब किसान अपनी फसल को देश में कहीं  भी किसी को भी बेच सकते है|  इससे वन नेशन वन मार्किट स्थापित होगा|  बड़ी बड़ी फ़ूड प्रोसेसिंग  कंपनियों के साथ  हिस्सेदारी करके किसान अब मुनाफा ज्यादा ले सकता है|

कुछ विरोधी दल / लोग कहते है कि  बड़ी कंपनियां शोषण करेंगी 

झूठ  ठेका के नाम पर बड़ी कंपनिया  किसानो का शोषण  करेंगी|

सच  इस समझौते से किसानो को पहले से तय दाम मिलेंगे  परन्तु किसानो को उनके हितों के खिलाफ नहीं बंधा जा सकता |  किसान ऐसे समझौते से हटने के लिए स्वतंत्र होगा,  किसान से कोई पेनल्टी नहीं ली जावेगी|

किसानो की जमीन छीन जावेगी 
 झूठ –  किसानो की जमीन पूंजीपतियों को दी जावेगी
सच  –  इस बिल में साफ़ कर दिया गया है की किसानो की  जमीन की बिक्री, लीज़ और गिरवी रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है|  किसानो से समझौता फसल को होगा जमीन का नहीं|
इन बिलो से किसानो को नुक्सान होगा 
झूठ –  किसान बिल से बड़े कारपोरेट को फायदा होगा किसान को नहीं|
सच –  बहुत से राज्यों के  किसान बड़े कारपोरेटस  के साथ मिलकर कृषक चाय, कॉफी  और गन्ना  जैसे फसल उगा रहे है | इस से छोटे किसानो को काफी मुनाफा होगा  किसानो को नई तकनीक और पक्के मुनाफे की मौका मिलेगा|
केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार  के लिए तीन बिल लाई है, उनका  विपक्षी दलों  द्वारा जोरदार विरोध किया जा रहा है|  ऐसे में सरकार ने बिल को लेकर झूठ और सच  को देश की  जनता का सामने रखा है|

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