PARYAYVACHI SHABAD ~ पर्यायवाची शब्द Download Here

PARYAYVACHI SHABAD ~ पर्यायवाची शब्द Download

जिन शब्दों अर्थ में समानता होती है, उन्हें पर्यावाची व् समानार्थक शब्द कहते है 1 यद्यपि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं किन्तु भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं। हिंदी भाषा में एक शब्द के समान अर्थ वाले कई शब्द हमे मिल जाते है जैसे –
पहाड़ – पर्वत, भूधर, अचल
प्रत्येक शब्द की अपनी विशेषता, ये शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं, इन शब्दों के अर्थ में समानता होती है1 किन्तु भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं।  पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए 1 कुछ पर्यायवाची शब्द यह दिए जा रहे हैं
आँख– नेत्र, दृग, नयन, लोचन, चक्षु, विलोचन, दृष्टि, अक्षि।
इच्छा– आकांक्षा, चाह, अभिलाषा, कामना।
इंद्र– सुरेश, देवेंद्र, देवराज, पुरंदर।
ईश्वर- प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा।
कमल– जलज, पंकज, सरोज, राजीव, अरविन्द।
गरमी– ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा
अमृत– सुधा, सोम, पीयूष, अमिय।
असुर– राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर।
अग्नि– आग, अनल, पावक, वह्नि।
अश्व- घोड़ा, हय, तुरंग, बाजी।
हाथी– नाग, हस्ती, राज, कुंजर, कूम्भा, मतंग, वारण, गज, द्विप, करी, मदकल
अनुपम– अपूर्व, अतुल, अनोखा, अदभुत, अनन्य।
अर्थ- धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।
अश्व- हय, तुरंग, बाजी, घोड़ा, घोटक।
अंधकार– तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा।
आम- रसाल, आम्र, सौरभ, मादक, अमृतफल, सहुकार।
आग- अग्नि, अनल, हुतासन, पावक, दहन, ज्वलन, धूमकेतु, कृशानु, वहनि, शिखी, वह्नि।
आकाश– नभ, गगन, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमान, अंतरिक्ष, शून्य, अर्श।
आनंद– हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लास।
आश्रम- कुटी, विहार, मठ, संघ, अखाडा।
आंसू– नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।
गृह- घर, निकेतन, भवन, आलय।
गंगा– सुरसरि, त्रिपथगा, देवनदी, जाह्नवी, भागीरथी।
चंद्र- चाँद, चंद्रमा, विधु, शशि, राकेश।
जल– वारि, पानी, नीर, सलिल, तोय।
नदी- सरिता, तटिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी।
पवन– वायु, समीर, हवा, अनिल।
पत्नी– भार्या, दारा, अर्धागिनी, वामा।
पुत्र- बेटा, सुत, तनय, आत्मज।
पुत्री-बेटी, सुता, तनया, आत्मजा।
पृथ्वी– धरा, मही, धरती, वसुधा, भूमि, वसुंधरा।
पर्वत- शैल, नग, भूधर, पहाड़।
बिजली– चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी।
मेघ- बादल, जलधर, पयोद, पयोधर, घन।
राजा– नृप, नृपति, भूपति, नरपति।
ध्वनि – स्वर, आवाज, आहट
आत्मा– जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।
इच्छा- अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।
इन्द्र- सुरेश, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज।
ईश्वर– परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।
ओंठ- ओष्ठ, अधर, होठ।
कमल– नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात।
कृपा– प्रसाद, करुणा, दया, अनुग्रह।
किताब- पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक।
हेमा – भू, धरती, धरा, भूमि, वसुधा, पृथ्वी
रजनी– रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।
सर्प- सांप, अहि, भुजंग, विषधर।
सागर– समुद्र, उदधि, जलधि, वारिधि।
सिंह– शेर, वनराज, शार्दूल, मृगराज।
सूर्य– रवि, दिनकर, सूरज, भास्कर।
स्त्री– ललना, नारी, कामिनी, रमणी, महिला।
शिक्षक– गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
हाथी– कुंजर, गज, द्विप, करी, हस्ती।
अहंकार– दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड।
अमृत– सुधा, अमिय, पीयूष, सोम, मधु, अमी।
असुर- दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज, रात्रिचर।
अतिथि– मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
कृतज्ञ -आभारी, उपकृत, अनुगृहीत, कृतार्थ, ऋणी।
कृषक- किसान, हलवाहा, भूमिसुत, खेतिहर, कृषिजीवी, हलधर, अन्नदाता, भूमिपुत्र।
क्रोध -गुस्सा, रीस, अमर्ष, रोष, शेष, कोप, कोह, प्रतिघात।
केला – कदली, भानुफल, रंभा, गजवसा, कुंजरासरा, मोचा।
केश – बाल, शिरोरुह, कच, कुंतल, पश्म, चिकुर, अलक।
कोयल– पिक, कलकंठ, कोकिला, श्यामा, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया, सारंग, कलापी, कोकिल, परभृत।
कौआ – काक, वायस, पिशुन, करटक, काग।
क्षमा – माफी, सहनशीलता, सहिष्णुता।
खंभा – यूप, स्तंभ, खंभ, स्तूप।
आँगन – अंगना, प्रांगण, बाखर, बगर, अजिर, बाड़ा।
आकाश – नभ, अंबर, व्योम, गगन, अनंत, शून्य, तारापथ, अन्तरिक्ष, दुष्कर, आसमान, महानील, द्यौ, शून्यरव, दिव, अभ्र, सुखर्त्यन्, क्यित, विहायस, नाक, द्युस्।
आम -आम्र, रसाल, सहकार, अमृतफल, अम्बु, सौरभ, मादक।
आनन्द – आमोद, प्रमोद, प्रसन्नता, हर्ष, उल्लास, आह्लाद, मोद, मुद, खुशी, मजा, सुख, चैन, विहार।
आन – प्रण, प्रतिज्ञा, हठ, शपथ, घोषणा, मर्यादा।
आभूषण – जेवर, गहना, भूषण, आभरण, मंडन, अलंकार।
आत्मा – चैतन्य, विभु, जीव, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, देव, चेतनतत्त्व, अन्तःकरण।
आज्ञा – आदेश, निदेश, हुक्म।
आयु – उम्र, वय, अवस्था, जीवनकाल।
आदर्श – मानक, प्रतिमान, नमूना, प्रतिरूप।
आदि – प्रथम, आरम्भिक, पहला, अथ।
साँप- अहि, भुजंग, ब्याल, सर्प, नाग, विषधर, उरग, पवनासन, पन्नग।
सूर्य- रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, दिनेश, भास्कर, दिवाकर।
संसार– जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया।
सोना- स्वर्ण, कंचन, कनक, हेम, कुंदन।
सिंह- केसरी, शेर, महावीर, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज।
समुद्र- सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि।
समूह- दल, झुंड, वृंद, गण, पुंज।
स्त्री– नारी, महिला, अबला, ललना, औरत, कामिनी, रमणी।
सुगंधि– सौरभ, सुरभि, महक, खुशबू।
स्वर्ग– सुरलोक, देवलोक, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक।
हवा : पवन, वायु, समीर, अनिल, वात ,मरुत ,पवमान
हिमालय– हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगेश।
हृदय– छाती, वक्ष, वक्षस्थल, हिय, उर।
हाथ- हस्त, कर, पाणि।
हाथी– नाग, हस्ती, राज, कुंजर, कूम्भा, मतंग, वारण, गज, द्विप, करी, मदकल।
रजनी– रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।
रात– रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी।
राजा– नृप, नृपति, भूपति, नरपति, नृप, भूप, भूपाल, नरेश, महीपति, अवनीपति।
लक्ष्मी– कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इंदिरा।
विष– ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट।
वृक्ष- पेड़, पादप, विटप, तरू, गाछ, दरख्त, शाखी, विटप, द्रुम।
विष्णु– नारायण, दामोदर, पीताम्बर, चक्रपाणी।
शिव– भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, शंकर।
शरीर– देह, तनु, काया, कलेवर, अंग, गात।
शत्रु– रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, अरि, विपक्षी, अराति।
शिक्षक– गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
दास- सेवक, नौकर, चाकर, परिचारक, अनुचर।
दरिद्र- निर्धन, ग़रीब, रंक, कंगाल, दीन।
दिन– दिवस, याम, दिवा, वार, प्रमान।
दुःख– पीड़ा,कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, शोक, खेद, पीर, लेश।
दूध– दुग्ध, क्षीर, पय।
दुष्ट– पापी, नीच, दुर्जन, अधम, खल, पामर।
दर्पण– शीशा, आरसी, आईना, मुकुर।
दुर्गा– चंडिका, भवानी, कुमारी, कल्याणी, महागौरी, कालिका, शिवा।
देवता- सुर, देव, अमर, वसु, आदित्य, लेख।
आम– रसाल, आम्र, सौरभ, मादक, अमृतफल, सहुकार।
आग– अग्नि, अनल, हुतासन, पावक, दहन, ज्वलन, धूमकेतु, कृशानु, वहनि, शिखी, वह्नि।
आँख– लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि।
आकाश– नभ, गगन, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमान, अंतरिक्ष, शून्य, अर्श।
आनंद– हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लास।
आश्रम– कुटी, विहार, मठ, संघ, अखाडा।
आंसू– नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।
आत्मा– जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।
कपड़ा– चीर, वसन, पट, अंशु, कर, मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।
किरण- ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति, मरीचि।
किसान– कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता।
कृष्ण– राधापति, घनश्याम, वासुदेव, माधव, मोहन, केशव, गोविन्द, गिरधारी।
कान- कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल।
कोयल– कोकिला, पिक, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया।
क्रोध– रोष, कोप, अमर्ष, कोह, प्रतिघात।
गज– हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल ।
गाय- गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, रोहिणी।
गंगा- देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, त्रिपथगा।
गणेश– विनायक, गजानन, गौरीनंदन, गणपति, गणनायक, शंकरसुवन, लम्बोदर, महाकाय।
गृह– घर, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आलय, आवास, निलय, मंदिर।
गर्मी- ताप, ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, निदाघ।
चरण– पद, पग, पाँव, पैर।
पुत्र- बेटा, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।
पुत्री– बेटी, आत्मजा, तनूजा, सुता, तनया।
पुष्प– फूल, सुमन, कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुहुप।
बादल– मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर।
बालू- रेत, बालुका, सैकत।
बन्दर– वानर, कपि, कपीश, हरि।
बिजली– घनप्रिया, इन्द्र्वज्र, चंचला, सौदामनी, चपला, दामिनी, ताडित, विद्युत।
भूषण– जेवर, गहना, आभूषण, अलंकार।
अंधकार -तम, तिमिर, अँधेरा, अँधियारा, ध्वांत, तमिस्र, तमस।
अंधा – नेत्रहीन, चक्षुहीन, विवेकशून्य, दृष्टिहीन।
अहंकार – दर्प, दम्भ, अभिमान, घमण्ड, गर्व, मद।
अतिथि – मेहमान, पाहुना, आगंतुक, अभ्यागत, बटाऊ।
ऐश्वर्य – वैभव, सम्पन्नता, समृद्धि, प्रभुत्व, ठाठ–बाट।
ओझल – गायब, लुप्त, अदृश्य, अंतर्धान, तिरोभूत।
ओस – तुषार, हिमकण, शबनम, हिमबिँदु।
ओष्ठ – अधर, रदच्छद, लब, किनारा, होठ, ओँठ।
कमल – नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, वारिज, शतदल, अम्बुज, पुण्डरिक, अब्ज, सरसिज, इंदीवर, ताम्ररस, कंज, वनज, अम्भोज, सहस्रदल, पुष्कर, कुवलय, पङ्करुह, सरसीरुह, कोकनद।
कल्पवृक्ष – देवदारु, सुरतरु, मन्दार, पारिजात, कल्पद्रुम, देववृक्ष, सुरद्रुम, कल्पतरु।
कबूतर – कपोत, हारीत, परेवा, पारावत, रक्तलोचन।
कर्ण – अंगराज, सूतपुत्र, सूर्यपुत्र, राधेय, कौन्तेय।
करुणा – दया, प्रसाद, अनुग्रह, अनुकंपा, कृपा, मेहरबानी।
कर्ज – ऋण, उधार, देनदारी, देयता।
कलंक – लांछन, दोष, दाग, तोहमत, धब्बा, कालिख पोतना।
कमर – कटि, श्रोणि, लंक, मध्यांग।
चंद्रमा– चाँद, हिमांशु, इंदु, विधु, तारापति, चन्द्र, शशि, हिमकर, राकेश, रजनीश, निशानाथ, सोम, मयंक, सारंग, सुधाकर, कलानिधि।
जल– अमृत, सलिल, वारि, नीर, तोय, अम्बु, उदक, पानी, जीवन, पय, पेय।
जंगल– विपिन, कानन, वन, अरण्य, गहन, कांतार, बीहड़, विटप।
जेवर – गहना, अलंकार, भूषण, आभरण, मंडल।
झूठ- असत्य, मिथ्या, मृषा, अनृत।
तालाब– सरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, पोखरा, जलवान, सरसी।
दास– सेवक, नौकर, चाकर, परिचारक, अनुचर।
दरिद्र– निर्धन, ग़रीब, रंक, कंगाल, दीन।
दिन– दिवस, याम, दिवा, वार, प्रमान।
दुःख– पीड़ा,कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, शोक, खेद, पीर, लेश।
दूध– दुग्ध, क्षीर, पय।
दुष्ट– पापी, नीच, दुर्जन, अधम, खल, पामर।
दर्पण– शीशा, आरसी, आईना, मुकुर।
पवन– वायु, हवा, समीर, वात, मारुत, अनिल, पवमान, समीरण, स्पर्शन।
पहाड़– पर्वत, गिरि, अचल, शैल, धरणीधर, धराधर, नग, भूधर, महीधर।
पक्षी– खेचर, दविज, पतंग, पंछी, खग, चिडिया, गगनचर, पखेरू, विहंग, नभचर।
पति- स्वामी, प्राणाधार, प्राणप्रिय, प्राणेश, आर्यपुत्र।
पत्नी– भार्या, वधू, वामा, अर्धांगिनी, सहधर्मिणी, गृहणी, बहु, वनिता, दारा, जोरू, वामांगिनी।
दुर्गा- चंडिका, भवानी, कुमारी, कल्याणी, महागौरी, कालिका, शिवा।
देवता– सुर, देव, अमर, वसु, आदित्य, लेख।
धन– दौलत, संपत्ति, सम्पदा, वित्त।
धरती– धरा, धरती, वसुधा, ज़मीन, पृथ्वी, भू, भूमि, धरणी, वसुंधरा, अचला, मही, रत्नवती, रत्नगर्भा।
धनुष- चाप्, शरासन, कमान, कोदंड, धनु।
नदी– सरिता, तटिनी, सरि, सारंग, जयमाला, तरंगिणी, दरिया, निर्झरिणी।
नया- नूतन, नव, नवीन, नव्य।
नाव– नौका, तरणी, तरी।
अभिजात – संभ्रान्त, कुलीन, श्रेष्ठ, योग्य।
अभिप्राय – आशय, तात्पर्य, मतलब, अर्थ, मंशा, व्याख्या, भाष्य, टीकापिप्पणी।
अरण्य – जंगल, अटवी, विपिन, कानन, वन, कान्तार, दावा, गहन, बीहड़, विटप।
अजेय – अदम्य, अपराजेय, अपराजित, अजित।
अन्य – पर, भिन्न, पृथक, और, दूसरा, अलग।
अनुचर – भृत्य, किँकर, दास, परिचारक, सेवक।
अनार – शुकप्रिय, रामबीज, दाड़िम।
अर्जुन – पार्थ, धनंजय, सव्यसाची, गाण्डीवधारी।
अक्षर – हरफ, ब्रह्म, अ आदि वर्ण, अविनाशी।
अनाज – अन्न, धान्य, खाद्यान्न, शस्य, गल्ला।
अधिकार – हक, स्वामित्व, स्वत्व, कब्जा, आधिपत्य।
अनुमान – अंदाज, तखमीना, अटकल, कयास।
अनुमति – इजाजत, आज्ञा, अनुज्ञा, मंजूरी, स्वीकृति।
अप्सरा – देवांगना, सुरांगना, देवकन्या, सुखनिता, अरुणप्रिया।
अवनति – अपकर्ष, ह्रास, गिराव, उतार।
अशुद्ध – दूषित, अपवित्र, मलिन, गंदा, गलत।
लक्ष्मी – कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इन्दिरा, पद्मासना, पद्मानना, लोकमाता, क्षारोदा, क्षीरोदतनया, समुद्रजा, भार्गवी, विष्णुवल्लभा, सिन्धुजा, विष्णुप्रिया, चपला, सिन्धुसुता।
लक्ष्मण – लखन, सौमित्र, रामानुज, लषन, शेषावतार, मेघनादारि।
लता – वेलि, वल्लरी, वीरुध, बेल।
लहर – तरंग, ऊर्मि, वीचि।
लोहा – अयस, लौह, सार।
वर्ष – साल, बरस, अब्द, वत्सर।
वर्षा – बरसात, पावस, बारिश, वर्षण, बरखा।
वरुण – अम्बुपति, सागरेश, प्रचेता, समुद्रेश, पाशी।
वात्सल्य – स्नेह, लाडप्यार, ममता, लालन, शिशु–प्रेम।
विधवा – पतिहीना, अनाथा, राँड।
वियोग – बिछोह, विरह, जुदाई, विप्रलंब।
वीर्य – शुक्र, बीज, जीवन।
शब्द – ध्वनि, रव, नाद, निनाद, स्वर।
शत्रु – रिपु, बैरी, विपक्षी, अरि, अराति, दुश्मन, विरोधी, द्वेषी, अमित्र।
शरीर – देह, तन, काया, कलेवर, वपु, गात, विग्रह, तनु, घट, बदन, अवयव, अंगी, गति, काय।
शहद – मधु, मकरंद, पुष्परस, पुष्पासव।
शत्रुघ्न – रिपुसूदन, शत्रुहन, शत्रुहन्ता।
श्वेत – शुभ्र, ध्वल, सफेद, शुक्ल, वलक्ष, अमल, दीप्त, उज्ज्वल, सित।
शिकार – आखेट, मृगया, अहेर।
शिकारी – बहेलिया, अहेरी, व्याध, लुब्धक।
शिष्ट – सभ्य, सुशील, सुसंस्कृत, विनीत।
शेषनाग – अहीश, धरणीधर, सहस्रासन, फणीश।
षडयंत्र – कुचक्र, दुरभिसंधि, अभिसंधि, साजिश, जाल।
संध्या – सायंकाल, गोधूलि, निशारंभ, दिनांत, दिवावसान, पितृप्रसू, प्रदोष, सायम्।
संसार – जग, जगत्, भव, विश्व, जगती, दुनिया, लोक, संसृति।
समुद्र – जलधि, सिँधु, सागर, रत्नाकर, उदधि, नदीश, पारावार, वारिधि, पयोधि, अर्णव, नीरनिधि, तोयधि, वननिधि, वारीश, कंपति।
स्वर्ग – सुरलोक, देवलोक, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक, बैकुण्ठ, गोलोक, परलोक, नाक, द्यौ, इन्द्रलोक, दिव।
सरस्वती – भाषा, वाणी, वागीश्वरी, इला, विधात्री, भारती, शारदा, वीणाधारिणी, वाक्, गिरा, वीणापाणि, वाग्देवी, वीणावादिनी, ब्राह्मी, वाचा, गिरा, वागीश, महाश्वेता, श्री, ईश्वरी, संध्येश्वरी।
सखी– सहेली, सजनी, आली, सैरन्ध्री।
स्तन – उरोज, थन, कुच, वक्षोज, पयोधर।
स्वामी – ईश, पति, नाथ, साँई, अधिप, प्रभु।
मुख – मुँह, चेहरा, वदन, आनन।
मुनि – साधु, महात्मा, संत, बैरागी, तापस, तपस्वी, संन्यासी।
मुर्गा – कुक्कुट, ताम्रचूड़, उपाकर, अरुणशिखा।
मूर्ख – मूढ़, अज्ञ, अज्ञानी, वालिश।
मेँढक – मंडूक, दादुर, वर्षाभू, शातुर, दुर्दर, मण्डूक।
मैना – सारिका, चित्रलोचना, कहहप्रिया, मधुरालय, सारी।
मोती – मुक्ता, मौक्तिक, सीपज, शशिप्रभा।
मोर – मयूर, केकी, शिखी, वर्हि, कलाधर, कलापी, कलकंठ, नीलकंठ, सारंग, भुजंगभुक्, शिखाबल, चन्द्रकी, मेघानन्दी, शिखण्डी, क्षितिपति, अधिपति।
मृत्यु – मौत, निधन, देहान्त, प्राणान्त, मरना, निऋति, स्वर्गवास।
मोक्ष – मुक्ति, निर्वाण, कैवल्य, अपवर्ग, अमृतपद।
यमराज – यम, धर्मराज, हरि, जीवनपति, सूर्यपुत्र।
यमुना – कृष्णा, कालिँदी, सूर्यजा, तरणिजा, तनूजा, अर्कजा, रवितनया, जमुना, श्यामा।
युद्ध – रण, संग्राम, समर, लड़ाई, विग्रह, आहव, संख्य, संयुग, संगर।
युवती – किशोरी, तरुणी, श्यामा।
रक्त – खून, लहू, रुधिर, लोहित, शोणित।
सेना – कटक, सैन्यदल, फौज, वाहिनी।
सोना – हाटक, कनक, सुवर्ण, कंचन, हेम, कुन्दन, हिरण्य, स्वर्ण, चामीकर, तामरस।
हंस – मराल, चक्रंग, सूर्य, आत्मा, मानसौक, कलकंठ, मितपक्ष, कारण्डव।
हनुमान – कपीश, अंजनिपुत्र, पवनसुत, मारुतिनंदन, मारुत, बजरंगबली, महावीर।
हरिण – मृग, कुरंग, चमरी, सारंग, कृष्णसार, तृनजीवी।
हाथ – कर, हस्त, पाणि, बाहु, भुजा, भुज।
हाथी – गज, हस्ती, द्विप, वारण, वसुन्दर, करी, कुन्जर, दंती, कुम्भी, वितुण्डा, मतंग, नाग, द्विरद, सिन्धुर, गयन्द, कलभ, सारंग, मतगंज, मातंग, हरि, वज्रदन्ती, शुण्डाल।
हिमालय – हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगेश, नगाधिराज, हिमवान, हिमाद्रि, शैलराट।
हृदय – छाती, वक्ष, वक्षस्थल, हिय, उर, सीना।
त्रुटि – गलती, कसर, कमी, भूल, संशय, अंगहीनता, प्रतिज्ञा–भंग।
मनुष्य – आदमी, नर, मानव, मानुष, मनुज।
मदिरा- शराब, हाला, आसव, मधु, मद।
मोर- केक, कलापी, नीलकंठ, नर्तकप्रिय।
राजा- नृप, नृपति, भूपति, नरपति, नृप, भूप, भूपाल, नरेश, महीपति, अवनीपति।
लक्ष्मी- कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इंदिरा।
विष- ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट।
वृक्ष- पेड़, पादप, विटप, तरू, गाछ, दरख्त, शाखी, विटप, द्रुम।
विष्णु- नारायण, दामोदर, पीताम्बर, चक्रपाणी।
शिव- भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, शंकर।
शरीर- देह, तनु, काया, कलेवर, अंग, गात।
शत्रु- रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, अरि, विपक्षी, अराति।
शिक्षक– गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
साँप- अहि, भुजंग, ब्याल, सर्प, नाग, विषधर, उरग, पवनासन।
सूर्य– रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, दिनेश, भास्कर, दिवाकर।
संसार– जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया।
सोना– स्वर्ण, कंचन, कनक, हेम, कुंदन।
सिंह– केसरी, शेर, महावीर, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज।
समुद्र– सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि।
समूह– दल, झुंड, वृंद, गण, पुंज।
अग्नि – आग, अनल, पावक, वह्नि, ज्वाला, कृशानु, वैश्वानर, धनंजय, दहन, सर्वभक्षी, जातवेद, हुताशन, हव्यवान, ज्वलन, शिखा, वैसन्दर, रोहिताश्व, कृपीटयोनि, तनूनपात, शोचिष्केनश, उषर्बुध, आश्रयाश, वृहदभानु, वायुसख, चित्रभानु, विभावस्, शुचि, अप्पिन्त।
अकाल – सूखा, दुर्भिक्ष, भुखमरी, कमी, काळ (राजस्थानी)।
अध्यापक – गुरु, आचार्य, शिक्षक, प्रवक्ता, उपाध्याय।
अमृत – सुधा, पीयूष, अमिय, सोम, सुरभोग, जीवनोदक, अमी, मधु, दिव्य पदार्थ।
अनुपम – अनूप, अपूर्व, अतुल, अनोखा, अद्भुत, अनन्य, अद्वितीय, बेजोड़, बेमिसाल, अनूठा, निराला, अभूतपूर्व, विलक्षण।
असुर – दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज, रात्रिचर, जातुधान, तमीचर, मायावी, सुरारि, निश्चिर, मनुजाद।
अचल – अटल, अडिग, अविचल, स्थिर, दृढ़।
अनाथ – यतीम, नाथहीन, बेसहारा, दीन, निराश्रित।
अपमान – अनादर, बेइज्जती, अवमानना, निरादर, तिरस्कार।

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